भारतीय दुनिया में सबसे अधिक छुट्टियों से वंचित हैं, और उनके बाद दक्षिण कोरिया और हांगकांग का नंबर है। छुट्टियों से वंचित लोगों के सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है। यह सर्वेक्षण भारत समेत दुनिया के अन्य 19 देशों में किया गया, जिससे पता लगता है कि भारतीय कैसे अपनी छुट्टियों से वंचित हैं, और वे किस प्रकार से अपनी छुट्टियां बिताते हैं, क्या वे अपनी छुट्टियों का मजा लेते हैं या काम करना पसंद करते हैं, छुट्टियां बिताने के लिए अपराध-बोध तो महसूस नहीं करते और क्या अपनी छुट्टियों का फैसला करते समय काम के दवाब को ध्यान में रखते हैं।
इस साल के सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक छुट्टियों से वंचित देश है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय छुट्टियों की कमी महसूस करते हैं और उसके बाद दक्षिण कोरिया और हांगकांग के निवासी हैं, जो छुट्टियों से वंचित हैं। एक बयान में बताया गया कि करीब 53 फीसदी भारतीय को छुट्टियों के कम दिन मिलते हैं और करीब 35 फीसदी भारतीय को छुट्टियां नहीं मिलती, क्योंकि उनका काम इसकी अनुमति नहीं देता, या फिर उनकी जगह उनका काम करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। इस साल 68 फीसदी लोगों ने काम के कारण अपनी छुट्टियां रद्द कर दी।
एक्सपीडिया के इस सर्वेक्षण में उन कारणों का भी पता लगाया गया है कि क्यों भारतीय छुट्टियों से वंचित हैं, और उनके पर्यटन के फैसले में किन कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके अलावा भारतीय कर्मचारी छुट्टियां छोड़ देने के मामले में पांचवें नंबर पर हैं और उनसे आगे जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं।
करीब 68 फीसदी भारतीय ने अपनी छुट्टियां काम के बोझ के कारण रद्द कर दी, जबकि 19 फीसदी ने अपनी छुट्टियां इसलिए रद्द कर दी, क्योंकि उन्हें लगा कि इससे वे अपने काम के प्रति कम प्रतिबद्ध दिखेंगे। साथ ही 25 फीसदी को डर था कि छुट्टियों के कारण कहीं वे महत्वपूर्ण फैसला लेने की प्रक्रिया में शामिल होने से चूक न जाएं, जबकि 18 फीसदी लोगों का मानना था कि सफल लोग छुट्टियां नहीं लेते।
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