रीट के जरिये 3rd Grade Teacher recruitment 2018 में चयनित लेवल 1 के 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता नहीं खुल पाया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को संशोधित आदेश तो नहीं दिया लेकिन अंतिम सुनवाई के लिए 3 दिसम्बर की तारीख तय कर दी।
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व गोवर्धन बाढदार की खंडपीठ ने महेन्द्र कुमार जाटोलिया व अन्य की अपील पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों को पक्षकार बनने की अनुमति दे दी। अपीलार्थी पक्ष के अधिवक्ता आर एन माथुर व विज्ञान शाह ने कोर्ट से कहा कि 23 अक्टूबर को कोर्ट ने सभी पक्ष सुनकर नियुक्ति पर रोक लगाई थी। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी व चयनित अभ्यर्थियों के अधिवक्ताओं ने नियुक्ति प्रक्रिया को अनुमति देने का आग्रह किया। अपीलार्थी पक्ष ने कहा कि आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र ही नहीं है।
चयनित अभ्यर्थियों की ओर से कहा कि 6 माह बाद अपील खारिज हो गई तो प्रदेश को काफी नुकसान होगा। तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन 2013 के बाद पहली बार 2018 में निकला है। शिक्षकों की नियुक्ति अटकने से शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य विफल हो रहा है।
यह कहा था अपील में
अपील में कहा कि भर्ती केवल रीट के अंकों के आधार पर की जा रही है, जबकि एनसीटीई की 11 फरवरी 2011 की अधिसूचना के तहत रीट के अंकों को केवल भर्ती में वेटेज दिया जा सकता है। रीट-2015 में 14 बोनस अंक दिए गए और परीक्षा परिणाम 48 फीसदी रहा, जबकि रीट-2017 में परिणाम 35 फीसदी ही रहा। ऐसे में रीट के अंकों के आधार पर ही भर्ती की तो सारा लाभ वर्ष 2015 के रीट के अभ्यर्थियों को ही मिलेगा। अपील में रीट के अंकों का नॉर्मलाइजेशन कर भर्ती करने का आग्रह किया गया।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2zRX28W
No comments:
Post a Comment