Monday, November 5, 2018

Railway Recruitment Exam: अधिकतर नहीं ला सकें कट ऑफ मार्क्स भी, ये हुई उलटफेर

प्रतियोगी परीक्षाओं में दिखने वाली लाखों अभ्यर्थियों की भीड़ से तो यह एहसास होता है कि सरकारी नौकरी हासिल करना आसान नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर अभ्यर्थी बिना तैयारी के ही परीक्षा में बैठ जाते हैं। रेलवे की हाल ही में निकली ६४ हजार पद पर भर्ती परीक्षा के परिणाम से तो यही जाहिर हो रहा है।

रेलवे की सहायक लोको पायलट और तकनीशियन वर्ग की प्रारंभिक लिखित परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स को भी नहीं छू पाए लिहाजा मुख्य लिखित परीक्षा के लिए अधिकांश कोटियों में एक पद पर १५ अभ्यर्थी के अनुपात से भी कम अभ्यर्थी रह गए हैं।

रेलवे ने सहायक लोको पायलट और तकनीशियन वर्ग के लिए लगभग ६४ हजार पद के लिए प्रारंभिक लिखित परीक्षा ९ अगस्त से चार सितंबर तक आयोजत की थी। भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए पूरे देश में लगभग ४७ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से लगभग ४० लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा भी दी।

Railway Recruitment Exam 2018 यह थे कट ऑफ मार्क्स
रेलवे में सहायक लोको पायलट और तकनीशियन वर्ग में मुख्य लिखित परीक्षा के लिए न्यूनतम कट ऑफ सामान्य वर्ग के लिए ४० प्रतिशत तय की गई थी। इसके अलावा एससी और ओबीसी के लिए ३० प्रतिशत और एसटी के लिए २५ प्रतिशत कट ऑफ माक्र्स निर्धारित किए गए थे।

बोर्ड में १० का अनुपात
अजमेर रेलवे भर्ती बोर्ड क्षेत्र में ३ हजार ८६ पद थे । कट ऑफ मार्क्स पार नहीं करने की वजह से मुख्य लिखित परीक्षा के लिए ३२ हजार ३२१ अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। यह संख्या एक गुणा १० के अनुपात में है। जबकि निर्धारित एक गुणा १५ के अनुपात में यह संख्या लगभग ४५ हजार होनी थी।

१५५ में से महज ४ कोटियों में मिले पूरे अभ्यर्थी
रेलवे ने १५५ कोटियों के लिए भर्ती अधिसूचना जारी की थी। इनमें सहायक लोको पायलट की दो कोटियों में २७ हजार ७९५ पद पर भर्ती होनी थी जबकि तकनीशियन वर्ग की १५१ कोटियों के लिए ३६ हजार ५७६ पद थे। प्रारंभिक लिखित परीक्षा के परिणाम में रेलवे को सहायक लोको पायलट और तकनीयिशन वर्ग में तकनीशियन सिग्नल व टेलीकॉम के लिए ही तय मापदंड के अनुसार अभ्यर्थी मिल गए। अलबत्ता शेष कोटियों में न्यूनतम कट ऑफ माक्र्स अर्जित नहीं करने की वजह से मुख्य परीक्षा के लिए एक गुणा १५ अभ्यर्थियों की संख्या काफी कम रह गई।

रेलवे की तरफ से बताया गया है कि महज चार कोटियों के लिए निर्धारित एक गुणा १५ अभ्यर्थियों का आंकड़ा पूरा हो पाया है। शेष कोटियों के लिए मुख्य लिखित परीक्षा के लिए इससे कम अभ्यर्थी उपलब्ध हो पाए हैं। परीक्षा की तैयारी में कमी के अलावा अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र में पद की प्राथमिकता भी पूरी तरह नहीं भरी थी। यह भी मुख्य परीक्षा के लिए पात्रता हासिल नहीं करने की वजह रही।



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