बेहतरीन आय वाली नौकरी हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग किसी दूसरे देश में भी संभावनाएं तलाशते रहते हैं। कई कंपनियां भी विदेशियों को अपने यहां आकर्षक पैकेज पर रखती हैं। एक सर्वेक्षण के मुताबिक विदेशों में काम करने वाले 45 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया है कि वर्तमान नौकरी के लिए विदेशों में उन्हें अधिक वेतन मिल रहा है।
28 फीसदी लोगों ने सिर्फ पदोन्नति के लिए रोजगार स्थान में बदलाव किया। HSBC की एनुअल एक्सपैट एक्सप्लोरर रिपोर्ट के मुताबिक स्विटजरलैंड, अमरीका और हांगकांग में काम करने वाले अप्रवासियों के वेतन में सालाना औसतन 15.5 लाख रुपए की बढ़ोतरी होती है। हालांकि स्विटजरलैंड में काम करने वालों के वेतन में औसतन 45.03 लाख रुपए सालाना तक बढ़ोतरी होती है।
वेतन की बात करें तो स्विटजरलैंड में काम करने वाले अप्रवासियों का औसत वेतन लगभग 1.49 करोड़ रुपए है, जो वैश्विक औसत का लगभग दोगुना है। भारत इस सूची में सातवें स्थान पर है। भारत में अप्रवासियों को 96 लाख रुपए का औसतन सालाना वेतन मिलता है। रोजगार के साथ रहने के भी मामले में सिंगापुर लगातार चौथे साल शीर्ष पर है।
सिंगापुर के पीछे न्यूजीलैंड, जर्मनी और कनाडा है। रोजगार और रहने के मामले में स्विटजरलैंड सूची में आठवें स्थान पर है क्योंकि वहां बच्चों का पालन-पोषण बहुत महंगा है और वहां दोस्त बनाना बहुत मुश्किल होता है।
देश – वेतन (लाखों में)
स्विटजरलैंड – 1.49
अमरीका – 1.37
हांग कांग – 1.31
चीन – 1.28
सिंगापुर – 1.20
यूएई – 1.14
भारत – 0.94
इंडोनेशिया – 0.94
जापान – 0.93
ऑस्ट्रेलिया – 0.93
महिलाओं के वेतन में कम बढ़ोतरी
इस सर्वेक्षण में विदेशों में काम करने वाले 22,318 लोगों को शामिल किया गया। सर्वे के मुताबिक विदेश जाने वाली महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम आर्थिक लाभ होता है। विदेश जाने पर उनका वेतन सिर्फ 27 फीसदी बढ़ता है जबकि पुरुषों के वेतन में 47 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है।
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