Saturday, January 5, 2019

UPSC ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन को प्रयास के रूप में गिना जाए

Union Public Service Commission (UPSC) ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के मुताबिक, अगर कोई उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करता है तो उसे प्रयास के रूप में गिना जाए। शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि ऐसा कदम इसलिए उठाया गया है ताकि संसाधनों की बचत की जा सके। यूपीएससी ने यह प्रस्ताव सरकार को इसलिए भेजा है क्योंकि परीक्षा के लिए 9 लाख लोग आवेदन करते हैं और उसमें से करीब आधे ही इसमें शामिल होते हैं।

सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए छह प्रयास मिलते हैं। हालांकि, यह नियम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों पर लागू नहीं होता है। अधिकारियों ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यूपीएससी का यह प्रस्ताव मान लेती है तो इससे संघ के प्रयास और संसाधनों की बचत होगी। अगर हमें 9 लाख उम्मीदवारों के आवेदन मिलते हैं तो हमें इतने ही उम्मीदवारों के लिए परीक्षा में बैठने के लिए तैयारी करनी पड़ती है। लेकिन, परीक्षा के दिन आधे उम्मीदवार ही पहुंचते हैं। एक अधिकारी ने समझाया कि अगर सरकार हमारे प्रस्ताव को मान लेती है तो इससे काफी पैसा, समय और मेहनत बचेगी। प्रस्ताव केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजा गया है।

Indian Administrative Service (IAS), Indian Foreign Service (IFS) और Indian Police Service (IPS) सहित अन्य सेवाओं के अधिकारियों के चयन के लिए यूपीएससी civil services examination को तीन चरणों - preliminary, main और interview - में आयोजित करती है। वर्तमान नियमों के तहत, अगर कोई उम्मीदवार preliminary examination, के दो पेपर में से एक में भी शामिल होता/होती है तो उसे प्रयास के रूप में गिना जाता है।

Civil services examination में शामिल होने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए और 32 साल की उम्र तक वह छह बार इस परीक्षा में शामिल हो सकता है। हालांकि, विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए आयु और सीमा में छूट है। उदहारण के रूप में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को 9 प्रयास मिलते हैं Civil services examination में शामिल होने के लिए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को ऊपरी उम्र सीमा में पांच साल की छूट दी जाती है। वर्ष 2017 में 9 लाख 75 हजार 590 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन 4 लाख 56 हजार 625 उम्मीदवार ही परीक्षा में शामिल हुए। वहीं, 2016 में 11 लाख 35 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जबकि 4 लाख 59 हजार उम्मीदवार ही परीक्षा में बैठे।



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