साइबर हमलों में हो रही लगतार बढ़ोतरी को देखते हुए तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां सुरक्षा के तौर पर काफी जोर दे रही हैं। वे अपने यहां साइबर फस्र्ट रेस्पॉन्ड टीम बना रही हैं। इसके लिए बड़ी तादाद में ‘साइरब डिफेंडरों’ की भर्ती की भर्ती कर रही हैं। इनका काम साइबर कंपनी के सिस्टम पर होने वाले किसी भी साइबर हमले को नाकाम करना है। ज्यादातर नियुक्तियां जूनियर और मिडिल लेवल पर ही हो रही हैं। जिन इनमें नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट और सिक्योरिटी आर्किटेक्ट शामिल हैं।
50 से 100 फीसदी तक मिल रहा है सैलेरी इंक्रीमेंट
दो साल का अनुभव रखने वाले लोगों को 15 लाख रुपए की सालाना वेतन पर नियुक्त किया जा रहा है। वहीं दो से तीन साल के अनुभव वालों को 20 लाख तक, पांच से आठ साल वालों को 35 से 40 लाख रुपए सालाना का पैकेज दिया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि तेजी से हो रही भर्तियों का नतीजा यह है कि सालभर पहले जहां वेतन में औसत बढ़ोतरी 25 फीसदी थी वह अब करीब 50 से 100 फीसदी के करीब की हो गई है।
हमले झेलने में भारत दुनिया में 21वें स्थान पर
भारत पर जनवरी से जून 2018 के दौरान 6.95 लाख साइबर अटैक किए गए। भारत पर सबसे ज्यादा हमले करने के मामले में रूस, अमरीका, चीन और नीदरलैंड्स जैसे देशों का नाम आता है। 2018 में भारत में साइबर हमलों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
केंद्रीय कृषि मंत्री की वेबसाइट हुई थी हैक
सोमवार को हैकरों ने केंद्रीय कृषि मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की वेबसाइट को हैक कर धमकी भरे संदेश लिखे थे। हालांकि कुछ देर बाद वेबसाइट को ठीक कर लिया गया। इसी तरह5 जनवरी को चीनी हैकरों ने मुंबई स्थित एक कंपनी पर साइबर हमले कर 131 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी। साल 2018 के अंत में हैकरों ने अमरीका के कई अखबारों को अपना निशाना बनाया था। इससे उनके प्रकाशन पर प्रभाव पड़ा था।
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