उच्चत्तम न्यायालय की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायलय के फैसले को बरकरार रखने के बाद दिल्ली विश्विद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने सरकार से इस सम्बंध में अध्यादेश लाकर शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण को सुरक्षित रखने की मांग की है। डूटा के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी जिसमे 200 अंकों वाले रोस्टर प्रणाली को जारी रखने की बात कही गई थी क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कॉलेज या विश्विद्यालय स्तर की बजाय विभागीय स्तर पर आरक्षण देने की व्यवस्था का फैसला सुनाया था।
उन्होंने कहा कि हमारी शुरू से यह मांग रही है कि विश्विद्यालय या कालेज को इकाई मानकर अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण दिया जाए। इसके लिए हम सरकार से उच्चत्तम न्यायालय के फैसले को देखते हुए अध्यादेश तत्काल लाने की मांग करते हैं क्योंकि विभाग को इकाई मानने से आरक्षित पदों पर कार्यरत हजारों शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले वादा किया था कि वह इस संबंध में अध्यादेश लाएगी, इसलिए उसे अपने वचन का पालन करना चाहिए।
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