Thursday, February 14, 2019

रेगिस्तान के 'जहाज' से भी कमा सकते हैं मुनाफा, जानें कैसे

इंडिया में कैमल मिल्क व डेयरी प्रोडेक्ट का मार्केट छोटा है लेकिन कुछ समय से देखने में आया है कि मशहूर ब्रांड भी कैमल मिल्क और उससे जुड़े प्रोडेक्ट में रुचि दिखा रहे हैं। इससे कैमल डेयरी से जुड़े फार्मर और एंटरप्रेन्योर के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुले हैं। रिसर्च एजेंसी टेक्नेविया के अनुसार ग्लोबली कैमल मिल्क प्रोडेक्ट का मार्केट वर्ष 2022 तक 7 फीसदी से ग्रो करेगा और इसके करीब 15 बिलियन डॉलर का रहने की संभावना है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एंटरप्रेन्योर्स के लिए इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशना घाटे का सौदा नहीं होगा।

राजस्थान से करें शुरुआत
राजस्थान और गुजरात ही ऐसे राज्य हैं जहां कैमल पॉप्यूलेशन सर्वाधिक है। इसमें भी राजस्थान में कैमल फार्मर अधिक हैं और कैमल प्रोडेक्ट के मार्केट में ज्यादा कॉम्पिटिशन भी नहीं है। गुजरात में अमूल व कई अन्य छोटी कंपनियां काम कर रही हैं। राजस्थान में भी बीकानेर रीजन आपके स्टार्टअप के लिए लाभकारी हो सकता है क्योंकि मिल्क प्रोडेक्शन के मामले में मेवाड़ी नस्ल के कैमल बेहतर माने जाते हैं। मेवाड़ी नस्ल का कैमल एक दिन में 7 से 8 लीटर दूध तक देता है।

इनके मॉडल पर रिसर्च करें
कैमल मिल्क के प्रोडेक्ट कितने लाभकारी हैं, इसके प्रचार में किसी ने रुचि नहीं दिखाई है। अब कई ऐसी ग्लोबल फर्म सामने आई हंै, जिन्होंने कैमल मिल्क व उसके प्रोडक्ट को कमर्शियली सक्सेस दिलाई है। इनमें से अधिकतर फर्म कैमल मिल्क बेचने के साथ अन्य डेयरी प्रोडेक्ट भी बेच रही हैं। इनमें चॉकलेट, दही भी शामिल है। ग्लोबली जो फर्म कैमल मिल्क के मार्केट को लीड कर रही हैं, उनमें अल इन डेयरी, डेजर्ट फॉर्म, कैमलेशियिस, द कैमल मिल्क व आईडीजे जैसी कंपनियां शामिल हैं। यदि आप भी इस सेक्टर में स्टार्टअप के मौके तलाश रहे हैं तो इन कंपनियों के मॉडल पर स्टडी जरूर करें।

यंग एंटरप्रेन्योर के लिए हो सकता है बेहतरीन मौका
कैमल मिल्क व उसके प्रोडेक्ट के सेक्टर में आ रहा बूम नए एंटरप्रेन्योर के लिए स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखने का बेहतर मौका है। यदि आप एग्रीटेक सेक्टर में इंटरेस्टर रखते हैं तो कैमल मिल्क और उसके प्रोडेक्ट एक अच्छा आइडिया है। आप इस सेक्टर में बेसिक से शुरुआत कर सकते हंै। इसमें आपको केवल एक ऐसा ऑनलाइन या ऑफलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करना है जो कि परंपरागत कैमल डेयरी और कस्टमर के बीच कड़ी का काम करे। राजस्थान और गुजरात के 15 से अधिक जिलों में ऐसे बहुत से कैमल डेयरी फॉर्म हैं, जो कि कैमल मिल्क बेच तो रहे हैं लेकिन उन्हें एक्सपोजर नहीं मिल रहा है। ऐसे में कुछ रिसर्च कर इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाया जा सकता है।



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