Wednesday, April 19, 2023

परीक्षाओ पर बड़ा फैसला; CAPF के बाद SSC MTS और CHSL की परीक्षाएं भी अब क्षेत्रीय भाषाओं में होंगी

सरकार की और से हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में सीएपीएफ कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा करने की मंजूरी पहले ही दे दी है। अब परीक्षाओं को लेकर एक और बड़ी खबर आयी है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कर्मचारी चयन आयोग मल्टीटास्किंग (non-technical) स्टाफ (SSC MTS) और संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षा (SSC CHSL) के आयोजित करने की मंजूरी दे दी। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन भर्ती परीक्षाओं में संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ समय में और और भाषाएं भी सूची में शामिल हो जाएंगी। स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए ये निर्णय लिया गया है।

कार्मिक मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा, इससे लाखों उम्मीदवारों की चयन संभावनाओं में सुधार होगा। इससे पहले आपको बता दे की गृह मंत्रालय द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में सीएपीएफ कांस्टेबल जीडी परीक्षा आयोजित करने के निर्णय के कुछ दिनों बाद यह घोषणा की गई।कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में एसएससी परीक्षा आयोजित करने का निर्णय विभिन्न राज्यों द्वारा अभ्यावेदन के बाद लिया गया था।

इन क्षेत्रीय भाषाओं को किया शामिल

अब, इन परीक्षाओं के प्रश्न पत्र असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मीती भी), कोंकणी, हिंदी और अंग्रेजी में तैयार किए जाएंगे।

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CAPF परीक्षा को पहले ही मिल चुकी है मंजूरी

हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में सीएपीएफ कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा करने की मंजूरी पहले ही दे दी है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर यह निर्णय लिया गया। 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित जिसमे असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, तेलुगु, ओडिया, मलयालम, कन्नड़, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी शामिल हैं।

सभी परीक्षाओं में हो इसका विस्तार

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जिन्होंने पहले क्षेत्रीय भाषाओं में भर्ती परीक्षा आयोजित करने का मुद्दा उठाया था, ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं में इसका विस्तार किया जाना चाहिए।

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