CAPF Exam:: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा के आयोजन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर यह निर्णय लिया गया है। सीएपीएफ में 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रश्न पत्र तैयार किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों के साथ-साथ 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। जिसमे असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, तेलुगु, ओडिया, मलयालम, कन्नड़, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी शामिल हैं। अब उम्मीदवारों के पास इन भाषाओं में भी परीक्षा देने का विकल्प होगा।
क्षेत्रीय भाषाओँ को शामिल करने से यह होगा फ़ायद
अपनी क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा देने का मुख्य रूप से यह फ़ायद है कि इससे उम्मीदवार को पेपर देने में सरलता होती है और नौकरी के लिए चुने जाने की संभावना बढ़ जाती है। अब 13 क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने के परिणाम स्वरूप परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स को अपनी भाषा को लेकर भी उत्साह बढ़ेगा। आपको बता दे CAPF की एग्जाम में लाखों कैंडिडेट्स भाग लेते है। इससे पहले क्षत्रिय भाषाओँ के परीक्षा में शामिल नहीं होने से स्थानीय युआओं में अन्य भाषाओं के प्रति हींन भावना रहती थी वो भी ख़तम होगी।
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क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करने की मांग कई बार अलग -अलग सरकार और मंत्रियों के द्वारा की जा चुकी है। हाल ही में सरकार ने बताया था कि सीएपीएफ में खाली पदों की संख्या 84 हजार से ज्यादा है. इन पदों को भरने के लिए समय-समय पर भर्ती नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। अब CAPF कांस्टेबल की एग्जाम 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कराने से सभी उम्मीदवारों को फायदा होगा।
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