हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाएं पूरी दक्षता के साथ जानने वाले और अनुवाद किए जा रहे विषय की मूलभूत समझ रखने वाले लोग ट्रांसलेशन के फील्ड में खास पहचान बना सकते हैं। ट्रांसलेशन को यदि आप पेशेवर रूप में न भी अपनाना चाहें तो भी विभिन्न कंपीटिटिव एग्जाम्स के लिहाज से भी इसमें अपनी पकड़ को मजबूत करना काफी फायदेमंद हैं। एक संस्कृ ति से दूसरी संस्कृति के लोगों को रूबरू कराने में और कामकाज की भाषा में आसानी लाने में समर्थ अनुवाद की आज एक अलग इंडस्ट्री है। हिंदी और अंगे्रजी में समान पकड़ रखने वालों के लिए कई अवसर हैं। इसके अलावा कोई अन्य विदेशी भाषा जानने वालों के लिए इस क्षेत्र में मौके कहीं ज्यादा हैं।
जब करें शुरुआत
हिंदी और अंग्रेजी की मूल जानकारी होने पर जब अनुवाद शुरू करें तो एकदम भारी लेख लेकर न बैठ जाएं। शुरुआत में बच्चों की किताब के किसी पैराग्राफ या अखबार में दी किसी खबर के पैरा का अनुवाद करें। दोनों भाषाओं के नियम ध्यान रखें।हिंदी में वक्ता पहले लिखा जाता है, वहीं अंग्रेजी में इसका नाम अक्सर बाद में आता है।
जब आएं नए शब्द
अनुवाद के दौरान आपका सामना नए-नए शब्दों से होगा। इनके शब्दश: अर्थ निकालेंगे तो कई बार वे आपके वाक्यों के अभिप्राय के अनुरूप नहीं होंगे। ऐसे में नए शब्दों, उनके कई-कई अर्थों और उनके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में नोट्स बनाते चलें। इस तरह के अभ्यास से आपका शब्दकोश बढ़ेगा।
समझें वाक्य संरचना
अनुवाद करने में सिद्धहस्त हो जाने वाले लोगों की सबसे बड़ी खासियत यह हो जाती है कि वे पूरे वाक्य को समग्र रूप में देखते हैं। तभी वे समझ पाते हैं, कि पंचुएशन माक्र्स के इतने अधिक प्रयोगों के बीच कौन कह रहा है, किससे कह रहा है और क्या कह रहा है? इसलिए हमेशा पूरे-पूरे वाक्य पढि़ए। तब आप ज्यादा ढंग से समझ पाएंगे।
पढ़ें, लिखें और सुनें
अनुवाद का काम सिर्फ पढऩे या लिखने तक सीमित नहीं है। आज बहुत सी मूवी के सबटाइटल्स के और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स के अनुवाद भी किए जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप किसी भाषा विशेष को सुनकर भी समझ सकते हों। इन बाहरी भाषा की फिल्में देखकर आप इसे सीख सकते हैं।
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