Saturday, March 16, 2019

महिलाओं को केन्द्र सरकार ने दी बड़ी राहत, जाने पूरी डिटेल्स

महिलाओं को पुरुषों के समान काम की बराबरी का अधिकार देने के लिए श्रम मंत्रालय ने नया निर्णय लिया है। अंडरग्राउंड कोयला खदानों में महिलाओं के काम करने का रास्ता साफ करते हुए श्रम मंत्रालय ने खान अधिनियम में संशोधन किया है। जमीन के ऊपर वाली कोयला खदान में महिलाएं शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक तथा जमीन के नीचे स्थित खदानों में सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक काम कर सकेंगी। हालांकि इसके लिए प्रबंधन को महिला से सहमति लेनी होगी। साथ ही एक शिफ्ट में तीन महिलाओं की ड्यूटी लगानी होगी।

खान अधिनियम, 1952 में किए गए कानूनी प्रावधान के अनुसार जमीन के ऊपर या नीचे स्थित खदानों में महिलाओं को शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक रोजगार देना प्रतिबंधित था। महिला कामगार समूह, उद्योग जगत, इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने केन्द्र सरकार से समय-समय पर खदान में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की मांग की थी। श्रमिक संगठन भी खदानों में कार्य करने के लिए महिलाओं को रोजगार के समान अवसर दिए जाने की मांग कर रहे थे। कोयला तथा पत्थर सहित अन्य खनिज संपदा की खनन करने वाली कंपनियों ने इस संबंध में सरकार से पुराने कानून में संशोधन की मांग की थी।

खान अधिनियम, 1952 की धारा 12 के तहत गठित समिति की अनुशंसाओं तथा गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खान मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के परामर्श के आधार पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने महिलाओं को खदान में काम करने की मंजूरी दी है। इसके लिए फरवरी में पुराने कानून में बदलाव किया है। श्रम व रोजगार मंत्रालय ने गजट का प्रकाशन भी फरवरी में कर दिया है। इसके अनुसार जमीन के ऊपर स्थित खदानों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक और जमीन के नीचे स्थित खदानों में सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक महिलाओं को तकनीकी, निरीक्षण संबंधी और प्रबंधकीय कार्यों में रोजगार देने की अनुमति प्रदान की है।

लिखित अनुमति के बाद ही मिलेगी नियुक्ति
महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही प्रबंधन की ओर से की जाएगी। ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी। मुख्य खान निरीक्षक समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रिया के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति करेगा। कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी।



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