Tuesday, March 26, 2019

हर दिन नए नियम और बदलते फॉर्मेट बन रहे सवर्ण आरक्षण में बाधा : यहां पढ़ें

ews certificate Process : केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण से राहत की घोषणा की थी। दस प्रतिशत आरक्षण के लिए पात्र परिवार की सभी स्त्रोतों से आय सालाना 8 लाख रूपए से कम होनी चाहिए। 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए। आवेदक के परिवार के पास नगर निगम द्वारा जारी 100 गज से अधिक का प्लॉट नहीं होना चाहिए। निगम से इत्र ग्रामीण/नगर पालिका में 200 वर्ग गज से ऊपर आवासीय भूखंड नहीं होना चाहिए। आवेदक के परिवार के पास किसी भी शहर या जिले में इसके अतिरिक्त प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए। परिवार में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा। केंद्र द्वारा नियमों में छूट दिए जाने के बाद राज्य सरकारों ने खुद के स्तर पर बनाए नए नियमों से युवाओं को उलझन में डाल दिया। रोज नए नियम बन रहे हैं लेकिन आवेदनों पर विचार नहीं किया जा रहा। रेलवे द्वारा निकाली गई एक लाख तीस हजार पदों पर भर्ती के लिए EWS सर्टिफिकेट बनने का इंतजार युवा कर रहे हैं।


बदलाव के साथ जोड़े नए दस्तावेज (Imortant Document For EWS Certficate)
सरकारी नौकरी में शपथ पत्र मांगे जाना आम है लेकिन किसी सर्टिफिकेट में सरकारी कर्मचारी द्वारा पुष्टि के तौर पर गवाही देना कुछ अजीब लगेगा। राज्य सरकार द्वारा EWS सर्टिफिकेट के लिए दो पेज का शपथ पत्र भी साथ में जोड़ा है, जिसमें परिवार के प्रत्येक सदस्य की आय और उसका टोटल लिखना होगा। इसके बाद कृषि भूमि प्रत्येक सदस्य की और आवासीय भूखंड भी दर्शाना होगा। दोनों पेज में डिटेल्स भरने के बाद नोटेरी से सत्यापित करवाना होगा। ऐसा नोटेरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र पहले से ही अभ्यर्थी भर रहे थे, लेकिन नए शपथ पत्र में दो सरकारी कर्मचारी बतौर गवाह पुष्टि करने के लिए भी माँगा गया है। सरकारी कर्मचारी को अपनी पूरी जानकारी भरकर हस्ताक्षर करना होगा। आय प्रमाण पत्र भी दो राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए। पटवारी रिपोर्ट के बावजूद इतने दस्तावेज आवेदन फॉर्म के साथ जोड़े गए हैं।

समय की कमी और मापदंड कड़े
आचार संहिता लागू होने के बाद देशभर में सरकारी नौकरियों में भर्ती पर विराम लग गया है, लेकिन पहले से चल रही भर्तियां आगे की प्रक्रिया पूरी कर रही है। रेलवे सहित राज्यों में निकली Govt Jobs के लिए अंतिम तिथियां नजदीक है, लेकिन दफ्तरों की धीमी रफ़्तार और आवेदन फॉर्म के बदलते प्रारूप के चलते उलझने बढ़ रही है। लगता है नियुक्ति पश्चात की जाने वाली प्रक्रियाएं अभी से सर्टिफिकेट में ही पूरी की जा रही है।



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