Sunday, February 12, 2023

प्रादेशिक सेना (टीए) में नामांकित व्यक्ति की ऐसे होती है भर्ती

टेरिटेरियल आर्मी (Territorial Army) (टीए) (TA) यानी प्रादेशिक सेना पार्ट टाइम वॉलेंटियर्स का एक ऐसा संगठन है जो एक साल में कुछ दिनों के लिए सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करता है ताकि आपात स्थिति में देश की रक्षा के लिए उन्हें जुटाया जा सके। यह कोई पेशा, व्यवसाय या रोजगार का स्रोत नहीं है। इसमें वे लोग शामिल हैं जो पेशेवर सैनिक नहीं है लेकिन देश की रक्षा के लिए उत्सुक रहते हैं। यह स्वयंसेवी नागरिक सेना है जो भारतीय सेना की मदद करती है। इंफेंट्री या विभागीय टीए के सभी कर्मियों को राष्ट्रीय इमरजेंसी की पूर्व संध्या पर या आंतरिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार या उसके द्वारा अधिकृत प्राधिकरण (कमांडिंग यूनिट/टीए गु्रप कमांडर) द्वारा सेवा के लिए बुलाते हैं। प्रशिक्षण अभ्यास एक साल में दो माह के लिए देते हैं। कोई सेवा के लिए रिपोर्ट नहीं करता तो प्रादेशिक सेवा अधिनियम १९४८ के तहत यह दंडनीय है। उद्योगपति, राजनेता व प्रतिष्ठित हस्तियां भी टीए के सदस्य रहे हैं।

टीए की संरचना
इसमें विभिन्न यूनिट शामिल हैं जिन्हें क्षेत्रीय आधार पर बढ़ाया जाता है। वर्तमान में टीए में ४५ हजार प्रथम पंक्ति के कर्मी हैं जिसमें देशभर से विभागीय और गैर विभागीय 65 यूनिट हैं।

इंफेंट्री बटालियन- युद्ध, आतंकवाद विरोधी अभियानों, आपदा राहत और ऐसी स्थितियों में नियमित सेवा का समर्थन करते हैं।

इंफेंट्री बटालियन (एच एंड एच)- जम्मू कश्मीर व पूर्वाेत्तर के लिए भूमि पुत्र मॉडल पर आधारित है।

इंजीनियर रेजिमेंट - यह जम्मू और कश्मीर में एलसी की मरम्मत और रखरखाव करता है।

रेलवे इंजीनियरिंग रेजिमेंट- युद्ध और शांति के लिए जरूरत पडऩे पर रेल संचार जारी रखता है।

जनरल हॉस्पिटल- पीडि़तों का इलाज करता है।

इकोलॉजिकल टास्क फोर्स- कठिन क्षेत्रों में इकोलॉजिकल बैलेंस का संरक्षण करता है।

कंपोजिट इकोलॉजिकल टास्क फोर्स- गंगा की सफाई के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के पूर्व सैनिक शामिल हैं। ये संवेदनशील नदियों के संरक्षण के लिए गश्त करते हैं।


ऑयल सेक्टर यूनिट-ड्रिलिंग, रिफाइनिंग और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में मदद करती है।

जेसीओ कमीशन का अनुदान और प्रशिक्षण प्रणाली
कमीशन के अनुदान नागरिक को आमतौर पर नायब सब के रैंक में सीधे जेसीओ कमीशन नहीं देते। वे टीए के रूप में यूनिट में नामांकित होते हैं। फिर उपयुक्त समझे जाने पर जेसीओ का कमीशन प्रदान करते हैं। जिसे सीधे जेसीओ कमीशन ग्रांट करते हैं। वह ३ साल की अवधि के लिए परिवीक्षा पर होता है। इसकी कोई समय सीमा नहीं है। इकाई के प्रकार व कार्यप्रणाली पर सैन्य प्रशिक्षण निर्भर करता है। 'प्रांतीय इकाई' शिविर में वार्षिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली इकाई है। 'शहरी इकाई' वह है जिसे पूरे साल साप्ताहिक ड्रिल प्रणाली और वार्षिक शिविर में प्रशिक्षण दिया जाता है।

1. शहरी प्रणाली
प्रशिक्षण सप्ताहांत व छुट्टियों पर देते हैं। एक दिन में चार घंटे की वास्तविक मिलिट्री ड्रिल या निर्देश। यह एक दिन में चार अंशों से बना हो सकता है।


भर्ती प्रशिक्षण: पहले वर्ष में 32 दिन जिसमें उसे कम से कम 4-14 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
वार्षिक प्रशिक्षण: न्यूनतम 30 दिनों का जिसे 14 दिनों के शिविर सहित 60 दिनों तक बढ़ा सकते हैं।

2. प्रांतीय प्रणाली
भर्ती प्रशिक्षण: किसी भी पहले साल में कुल 30 दिनों से ज्यादा की अवधि के लिए सन्निहित होना।
वार्षिक प्रशिक्षण: पहले और बाद के वर्षों में लगातार दो कैलेंडर महीनों के लिए।

सेवा के नियम व शर्तें: बिना किसी आरक्षित दायित्व के सात साल की रंग सेवा के लिए अन्य रैंक के रूप में नामांकित कर सकते हैं। रंग सेवा कुल 15 वर्षों तक व्यक्ति की सहमति से एक बार में दो साल तक बढ़ा सकते हैं।

योग्यता व पात्रता
स्वयंसेवी की भर्ती कार्यालयों व इकाइयों में वर्ष में दो बार होती है। इंफैंट्री बटालियन को क्षेत्रीय और इंफैंट्री बटालियन एच एंड एच को जिम्मेदारी के क्षेत्र के आधार पर। ट्रेड्समैन की भर्ती विभिन्न राज्य की किसी भी यूनिट से हो सकती है। अच्छे चरित्र के साथ अभ्यर्थी की आयु १८-४२ वर्ष के बीच होनी चाहिए। ऊपरी सीमा भिन्न हो सकती है। जिस क्षेत्र की इकाई के लिए भर्ती होगी वहां का निवासी होना चाहिए। यदि वह किसी केंद्रीय/ राज्य सरकार या सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं की सेवा में है तो उसे नामांकन के लिए सरकार से अनुमति पत्र प्राप्त करना होगा। वह किसी भी रिजर्व बल से संबंधित न हो। टीए, नियमित सेवा, वायु सेना या नौसेना से खारिज न हुआ हो। उसकी एक से अधिक पत्नी न हो। वह किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो।

जोनल वाइज भर्ती
जोन-1
हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और चंदीगढ़ शामिल हैं।

जोन-2
बिहार, एमपी, ओडि़शा, झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड शामिल हैं।

जोन-3
असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, सिक्किम, प. बंगाल, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश व केंद्र शासित प्रदेश अंडमान व निकोबार द्वीप समूह हैं।

जोन-4
आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु़, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, केरल, दादरा व नागर हवेली, दमन-द्वीप, लक्षद्वीप और पुडुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।



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