Tuesday, September 18, 2018

साढ़े छह लाख स्कूलों ने स्वच्छता पुरस्कार प्रतियोगिता में भाग लिया

नई दिल्ली । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा है कि देश के साढ़े छह लाख स्कूलों का स्वच्छता पुरस्कार प्रतियोगिता में भाग लेना इस बात का सबूत है कि देश में स्वच्छता एक जनांदोलन बन गया है। प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को दिल्ली में 52 स्कूलों को राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार प्रदान करते हुए यह बात कही। उन्होंने देश में चल रहे स्वच्छता ही सेवा है पखवाड़े के दौरान इन स्कूलों को ये पुरस्कार प्रदान किये। पुरस्कार में प्रत्येक स्कूल को एक प्रमाण पत्र के अलावा पचास हजार रुपये दिए गए। प्रकाश जावेडकर ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में लाल किले से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी तो किसी ने सोचा नहीं था कि एक साल के भीतर साढ़े चार लाख स्कूलों में शौचालय बन जायंगे और स्वच्छता एक जन आन्दोलन बन जायेगा।

उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर न केवल साढ़े चार लाख शौचालय बन गए बल्कि ढाई लाख स्कूलों ने स्वच्छता प्रतियोगिता में भाग लिया। यह देखकर तो मैं दंग रह गया अब इस वर्ष तो साढ़े छह लाख स्कूलों ने इसमें भाग लिया है। पहले किसी ने भी यह सोचा नहीं था सरकारी स्कूल ऑनलाइन प्रतियोगिता में भाग लेंगे। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई और निजी स्कूलों के लिए भी यह प्रतियोगिता खोल दी गयी और सरकारी के साथ साथ निजी स्कूलों ने भी भाग लेना यह बताता है कि लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है और यह जनांदोलन बन गया है।

प्रकाश जावेडकर ने कहा कि स्वच्छता एक आदत और संस्कार है। स्वच्छ लोग दूसरों को भी स्वच्छ रहना सिखाते हैं। इस अभियान से न केवल लोगों की मानसिकता एवं स्वभाव में परिवर्तन आया है बल्कि देश का विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छता से डायरिया जैसे रोगों में काफी कमी आयी है तथा ड्राप आउट में भी कमी आयी है।



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