Monday, October 25, 2021

Study Abroad: 12वीं के बाद विदेश में करना चाहते है पढ़ाई, तो इन टेस्ट को पास करने की करें तैयारी, जानें पूरी डीटेल्स

नई दिल्ली। उच्च शिक्षा हर स्टूडेंट का अधिकार है। भारत में भी बहुत से स्टूडेंट्स है जिनकी इच्छा विदेश में जा कर पढ़ाई करने की होती है। हालांकि कभी इसके प्रति कम जानकारी तो कभी पैसों के अभाव में स्टूडेंट्स अपना यह सपना पूरा नहीं कर पाते, लेकिन क्या आपको पता है कि विदेशी यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने के लिए ऐसे कोर्स है जो आपके भविष्य को बदल सकते हैं। यहां पढ़ें विदेशों में पढ़ाई करने का तरीका –

विदेश में पढ़ने के लिए जरूरी परीक्षाएं (Required Exams To Study Abroad)

विदेश में यदि आप पढ़ने का मन बना रहे तो इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपको इंग्लिश लैंग्वेज बननी चाहिए। इंग्लिश लैंग्वेज के लिए आपको आईईएलटीएस, टीओईएफएल, पीटीई आदि परीक्षाएं देनी पड़ सकती हैं, जिससे आपके इंग्लिश लैंग्वेज स्किल का परीक्षण होता है। विदेशों में पढ़ाई के लिए आमतौर पर GRE, GMAT, SAT, ACT, TOEFL and IELTS के स्कोर मांगे जाते हैं। कभी-कभी, आवश्यकता पड़ने पर इनमें से एक से अधिक एग्‍जाम पास करना जरूरी होता है। जिसकी जानकारी जरूरी है।

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जानें जीआरई क्‍या है (What is GRE)

12कक्षा पास करने के बाद विदेश में पढ़ाई के करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के बीच स्नातक रिकॉर्ड परीक्षा (GRE) सबसे लोकप्रिय परीक्षाओं में से एक है। यह एक काफी मानकीकृत परीक्षण है जो उम्मीदवार के मौखिक, गणितीय और सामान्य ज्ञान को मापता है, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर इंजीनियरिंग और विज्ञान में। यह परीक्षा USA स्थित एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विसेज (ETS) द्वारा आयोजित की जाती है। परीक्षण का कंप्यूटर आधारित संस्करण भारत में उपलब्ध है।

जानें जीमैट क्‍या है (What is GMAT)

अगर आप विदेश से एमबीए करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए जीमैट जैसे कोर्स को करने की जरूरत पड़ेगी। यह बिजनेस कॉलेजों के लिए प्रवेश मूल्यांकन है। औसत GMAT स्कोर 570 से 580 होना जरूरी है, हालांकि, कई बड़े विद्यालय में प्रवेश के लिए कम से कम 700 अंक पाना अनिवार्य हो गया है। आपको यह ध्यान रखना होगा कि जीआरई और जीमैट टेस्ट अलग-अलग होते हैं। ये कोर्स दुनिया भर में 500 से अधिक स्थानों पर उपलब्ध हैं, हालांकि आपको अपना स्लॉट पहले से बुक करना होगा।

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सैट परीक्षा के फायदे (Benefits of the SAT Exam)
विदेश में अध्ययन करने के लिए स्कॉलैस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT) परीक्षा भी छात्रों के भविष्य के लिए काफी अच्छी है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए जरूरी होती है। सैट परीक्षा का आयोजन अमेरिका के कॉलेज बोर्ड द्वारा किया जाता है। SAT की परीक्षा साल में सात बार की जाती है, यह आम तौर पर अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, मार्च, मई और जून के पहले शनिवार को होता है।

एमसीएटी और एलएसएटी (MCAT and LSAT)
यदि आप कानून या चिकित्सा का पढ़ाई विदेश में करना चाहते है तो इसके लिए प्रतियोगी चिकित्सा अध्ययन परीक्षाओं में एमसीएटी और एलएसएटी शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में क्रमशः और कानून में शामिल होने के लिए अनिवार्य हैं। MCAT या LSAT के अध्ययन के लिये उन छात्रों के लिए प्रशासित किया जाता है जो संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अंदर कानून में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

टीओईएफएल और आईईएलटीएस (TOEFL and IELTS)
यदि आप अंग्रेजी भाषा में सफल होना चाहते हैं तो आपको टीओईएफएल और आईईएलटीएस पास करना होगा। यूएसए, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे 100 देशों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में चयन टीओईएफएल में पाए अंक के मुताबिक होता है। आईईएलटीएस भारतीय और अन्य गैर-देशी अंग्रेजी बोलने वालों के लिए एक अनिवार्य परीक्षा है, विशेष रूप से राष्ट्रमंडल देशों के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए यह सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय है।



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