एक तरफ जहां विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा जा रहा है वहीं सरकार भी इस समस्या का समाधान निकालने में जुट गई है। जिसके चलते बहुत जल्द हरियाणा में अलग से रोजगार विभाग का सृजन कर दिया जाएगा। इस मुद्दे पर भाजपा व जजपा गठबंधन की कॉमन मिनिमम प्रोग्राम कमेटी के बीच सहमति बन गई है। संभ्वत दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस प्रस्ताव पर मोहर लगा दी जाएगी।
वर्तमान में प्रदेश में च्श्रम एवं रोजगार विभाग है। बताते हैं कि इसे अलग करके रोजगार विभाग अलग से बनेगा। प्रदेशभर के सभी रोजगार कार्यालय इसके अधीन आएंगे। इसी तरह से उद्योग एवं एवं वाणिज्य विभाग की कुछ विंग भी इसके साथ कनेक्ट होंगी, जो सीधे तौर पर युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने काम करती हैं। भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र में हर जिले में वर्ष में कम से कम तीन रोजगार मेले लगाने का वादा किया था।
वहीं जेजेपी की ओर से वादा किया गया था कि च्रोजगार आपके द्वारज् कार्यक्रम चलाकर हर शहर-कस्बे में रोजगार मेले आयोजित होंगे। खट्टर सरकार अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी इस तरह के मेलों का आयोजन करती रही है। हिसार से सांसद रहते हुए दुष्यंत चौटाला भी प्राइवेट कंपनियों के साथ टाइअप करके रोजगार मेले लगवाते रहे हैं। अब दोनों पार्टियां मिलकर इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार करेंगी।
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