तेजी से विकसित होती ऑटोमोबाइल तकनीक धीरे-धीरे हमारे परिवहन के तौर-तरीके बदल रही है। स्वचालित कारों के मुहाने पर खड़े इंसान आज सफर के लिए ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर्स ने भी ट्रांसपोर्टेशन में अपनी जगह बना ली है। दुनिया भर की ऑटो कंपनियां सस्ती इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करने में साधन खपा रही हैं। इसके चलते गाडिय़ों के निर्माण, मरम्मत और इनके परिवहन से जुड़े लोगों के सामने रोजगार का संकट भी खड़ा हो रहा है। ऐसे में अमरीका का एक संस्थान रोजगार की कमी से जूझ रहे लोगों को मैकेनिक बना रहा है।
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जरुरतमंदों को सिखा रहे मैकेनिक का काम
एक्सेल ऑटोमोटिव इंस्टीट्यूट कम पढ़े-लिखे, नशा करने वालों, सजायाफ्ता, अवसादग्रस्त, आर्थिक रूप से कमजोर और नौकरी खो चुके लोगों को मैकेनिक का काम सिखा रहा है। काम सीखने के बाद इन्हें परीक्षा पास करने के बाद प्रमाण पत्र दिया जाता है जिससे इन्हें रोजगार ढूंढने में मदद मिलती है। सॉफ्ट स्किल भी सिखाते हैं। यहां प्रशिक्षण पाने वाले छात्रों को कैलिफोर्निया इन्फ्रास्ट्रक्चर अकादमी में भी काम करने का अवसर मिलता है। अब अटलांटा और फिलाडेल्फिया राज्य में भी इसकी शाखाएं खोली गई हैं।
जिंदगी बदल रहा है संस्थान
एक्सेल ऑटोमोटिव संस्थान की कार्यकारी निदेशक लॉ‘चौन वायरे ने बताया कि यहां आने वाला हर व्यक्ति सीखने के लिए तैयार नहीं है। उन्हें प्रेरित करना भी प्रशिक्षण का हिस्सा है। यहां प्रशिक्षण पाने वाले छात्रों को व्यवसायिक वाहन चालक, सौर ऊर्जा उपकरण लगाने वाले, मैकेनिक और मालवाहक के रूप में रोजगार प्राप्त होता है।
15 लाख होंगे प्रभावित
अमरीका के ब्रूकिंग्स संस्थान के हालिया अध्ययन के अनुसार, स्वायत्त वाहनों या एप्लीकेशन विजुअलाइजेशन सिस्टम (एवीएस) से जुड़े परिवहन साधन देश भर में 321 व्यवसायों से जुड़े करीब 9.5 मिलियन (95 लाख) लोगों को प्रभावित करेंगे। अध्ययन के लेखक जोसफ कगेन और एडी टॉमर का कहना है कि इनके अलावा बस और डिलीवरी ड्राइवर, कंस्ट्रक्शन वर्कर, मालवाहक, शिपिंग क्लर्क, वाहन डिज़ाइनर और ऑटो मैकेनिक भी शामिल हैं। एवीएस और डिजिटलाइजेशन के कारण इन पर भी सीधे प्रभाव पड़ेगा।
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