दिल्ली । भारत में कोरोना वायरस महामारी के बाद से ही जॉब मार्केट में बहुत सी चीजें बदल गई हैं। महामारी के एक साल बाद सामने आए आंकड़ों से यह जानकारी मिल रही है। नए आंकड़े दिखाते हैं कि अब तक जॉब तलाशने और जॉब में बने रहने के लिए अपनाए जाने वाले परंपरागत तरीके इस दशक के बाद उपयुक्त नहीं रहेंगे। मैकेंजी की एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दुनिया की शीर्ष आठ अर्थव्यवस्था में काम कर रहे 10 करोड़ लोग साल 2030 तक अपना प्रोफेशन बदल लेंगे। दुनियाभर में रोजगार की स्थिति में 2030 तक काफी बदलाव आने की उम्मीद है।
उच्च कौशल की मांग बढ़ेगी-
चीन, फ्रांस, भारत, जर्मनी, स्पेन, यूके और यूएस में हर 16 में से एक कर्मचारी को इस बदलाव से गुजरना पड़ेगा। कम पढ़े-लिखे लोग, महिलाएं, अल्पसंख्यक और युवाओं पर ज्यादा असर होगा। उच्च कौशल वाले रोजगारों की मांग बढ़ेगी और कम वेतन वाले रोजगारों की उपलब्धता में कमी आएगी।
भारत से आई अच्छी खबर-
वहीं रोजगार के मोर्चे पर भारत से अच्छी खबर आई है। जनवरी में बेरोजगारी दर घटकर 6.5 फीसद पर आ गई है। जनवरी, में काफी लोगों को रोजगार मिला है। दिसंबर, 2020 में देश में बेरोजगारी की दर 9.1 फीसद थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक, पिछले एक महीने में करीब 1.20 करोड़ लोगों को देश में नौकरी मिली है। किसी एक महीने के दौरान रोजगार के आंकड़ों में यह सबसे बड़ा इजाफा है।
रोजगार की दर में बढ़ोतरी-
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक, इस दौरान रोजगार की दर में बढ़ोतरी देखी गई है। यह दिसंबर, 2020 के 36.9 फीसद के मुकाबले बढ़कर जनवरी, 2021 में 37.9 फीसद हो गई है। दिसंबर, 2020 तक देश में नौकरी करने वालों की कुल संख्या 38.88 करोड़ थी, जो जनवरी, 2021 में बढ़कर 40.07 करोड़ पर पहुंच गई है। मार्च, 2020 में लॉकडाउन के बाद से यह उच्चतम आंकड़े हैं। रिपोर्ट कहती है कि भारत में रोजगार की संख्या लॉकडाउन के पहले से अभी भी कम है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3udVIbz
No comments:
Post a Comment