नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच सबसे बड़ी सौगात है नई नौकरी का अवसर, क्योंकि इस दौरान देश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लाखों युवाओं की नौकरियां छिन चुकी हैं। यह पिछले सालों की अपेक्ष ज्यादा है।
इसलिए खुले अवसरों के द्वार
विप्रो कंपनी को जर्मनी की कंपनी रीटेलर मेट्रो के साथ एक बड़ा समझौता हुआ है। इन्फोसिस को जर्मनी की ऑटोमोबाइल कंपनी डेमलर के साथ 3.2 अरब डॉलर की डील हुई है। इसके अलावा टीसीएस को प्रूडेंशियल फाइनेंशियल से बड़ी डील मिली है। इसलिए ये कंपनियां पिछले साल के मुकाबले ज्यादा नौकरियां दे रही हैं।
ऐसे बढ़ी डिमांड
9000 ज्यादा नौकरी देगी इंफोसिस, पिछले साल 15,000 कैंपस प्लेसमेंट
3000 ज्यादा एचसीएल देगी नौकरी, पिछले साल 12000 कैंपस प्लेसमेंट
12,000 कैंपस प्लेसमेंट की योजना, पिछले साल भी इतने को हीविप्रो दी नौकरी
33 फीसदी ज्यादा नौकरियां
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के चीफ एचआर ऑफिसर अप्पाराव वीवी का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद ज्यादा भर्ती के पीछे कारण नए प्रोजेक्ट का मिलना है। इस बार कंपनी लक्ष्य से 33 फीसदी ज्यादा भर्तियां कर रही है। तीसरी व चौथी तिमाही में तेजी आने की उम्मीद है। पिछले साल कंपनी ने 70 फीसदी भर्तियां भारत में और 30 फीसदी विदेशों में की थी। इस साल यह रेश्यो 90:10 का था।
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